गोंड और गणपति बहुत अंतर है।
गोंडियन सगाजनो का गणपति यह पर्व नहीं है. कोई भी गोंडी गाथा, गोंडी पाटा में इसका जिक्र नहीं. हम औरो का अनुकरण करते करते अपने ही पंडूम त्यौहार, पर्व भूलते जा रहे है.
गोंड कोयतूर यह पूरी तरह से सत्य के मार्ग पुनेम, प्रकृति को मानने वाला है. हमारा कोई भी काल्पनिक देवी देवता से कोई लेना देना नहीं है.
क्या आपके पुरखा ने यह उत्सव मनाया है. हम कब तक धार्मिक गुलामगिरी में जकड़े रहेंगे. हमें अपने त्यौहार ना पता है ना हम जानने की कोशिश करते है.
आप साइंस को मानते होंगे तो क्या बिना स्त्री पुरुष संजोग के बिना अपत्य प्राप्ति हो सकती है. क्या कभी पशु का सर हम मानवी शरीर में लगा सकते है. क्या ब्लड ग्रुप मैच करेंगा. यह कभी संभव नहीं.
पुनेम सिर्फ वास्तविकता को मानता है. विज्ञान और प्रकृति को माननेवाला सबसे पहले सिर्फ कोयतूर है.
जब भारत देश का सर्वोच्च न्यायलय कहता है की गोंड आदिवासी यह हिन्दू नहीं. तो फिर क्यों आप अपने आप को हिन्दू बनाने तुले है.
हम बड़े जोरो से बोगस का विरोध कर रहे है भाई जब हम ही दुसरो को मानने लगे पूजने लगे तो सबसे पहले बोगस हम हुवे ना?
गणपति उत्सव मनाने वाले सगा ध्यान दे आप अपने आप को पूरी तरह हिन्दू मान रहे हो. एक तो शुद्ध रूप से गोंडियन बन जावो या हिन्दू बन जाओ.
सयुक्त राष्ट्र संघ UNO हमें सिर्फ हमारी अलग सभ्यता, संस्कृति के वजह से इस देश का मूलवंश मानता है.
हमारे काफी सगा अपने आप को धोखा देकर औरो की पूजा करने में अपना सम्मान समजते है. क्या औरो ने कभी आपके पेन को यह सम्मान दिया है.
सबसे ज्यादा हमारे शहरी गोंड युवा १५ दिन से घूम घूम कर लाखो रुपया जमा कर यह उत्सव मनाने की तयारी कर रहे है. इन्ही साथियों को कोयापुनेम का सम्मेलन, गोंडवाना कार्यक्रम या कोई गोंगो करने सहयोग राशी मांगे तो दस बहाने बताते है.
अनजाने में तुम गुलामगिरी कर रहे हो. जब आप हिन्दू ही बनाना चाहते हो तो कोई नहीं रोक सकता.
१. फ्री शिक्षा के लिए गोंड
२. स्कालरशिप के लिए गोंड
३. आरक्षण के लिए गोंड
४. नौकरी के लिए गोंड
यह कैसे गोंड है जब गोंड के पर्व, संस्कृति, पुनेम मानना नहीं है तो यह सब छोड़कर सबसे पहले शुद्ध रूप से हिन्दू बन जागो और गोंड की caste सर्टिफिकेट, वैलिडिटी फाड़ फेको, और लात मारो उस नौकरी को जो तुम्हे गोंड ST होने के आरक्षण से मिली है.
फिर नया surname धारण कर ओपन में नौकरी के लिए कोशिश करो.
पोस्ट के माध्यम से हमारे सगा समाज को आगाह किया जा रहा है अपने त्यौहार जानो, अपना नेंग करो, अपना गोंगो करो. सिर्फ कोयतूर, गोंडियन बनकर जियो.
जय सेवा सेवा जोहार
किशोर_वरखडे
नेशनल गोंडवाना युथ फ़ोर्स
( समाज के मातृशक्ति को जरुर समजाये हम अंधविश्वास से ऊपर है शुद्ध रूप से पुनेमी है. हम वास्तविकता को मानने वाले गोंड/ कोयतूर है. समाज के हर गोंडी पुनेम सम्मेलन में जाये और गोंड लेखको की किताबे पढ़े)
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