टंट्या भील 𑴖𑵀𑴖𑵅𑴥𑴱 𑴣𑴳𑴧 ब्रिटिश साम्राज्य के समय टंट्या भील नाम से एक सक्रिय डकैत हुआ करते थे जिन्हें भारतीय जनता द्वारा 'भारत का रॉबिनहुड' के नाम से जाना जाता था। परंतु ब्रिटिश काल में उन्हें अपराधी और नकारात्मक छवि वाले व्यक्ति के रूप में दर्शाया जाता था। टंट्या मामा का इतिहास- कहानी टंट्या भील का जन्म एक आदिवासी समुदाय में हुआ था। इस आदिवासी समुदाय द्वारा नौ गजा पीर का पूजन किया जाता था। ऐसे में जब टंट्या भील का जन्म हुआ तो उनके पिताजी द्वारा नौ गजा पीर के सामने मन्नत मांगी गई थी कि उनका पुत्र हर महिला, दुखी और गरीब की रक्षा करने वाला हो। इसी आधार पर टंट्या भील भारतीय रॉबिनहुड बनने में सक्षम हुए। उनकी बहादुरी और गरीबों के मसीहा बनने को लेकर अक्सर सरकारी अफसर सहमे रहते थे। इसलिए उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के पश्चात अंग्रेजों का दमन करने को ही अपने जीवन का प्रमुख लक्ष्य बनाया। टंट्या भील को पहली बार सन 1874 में गिरफ्तार किया गया जहां उन्हें 1 वर्ष तक की सजा सुनाई गई थी। बल्कि दूसरी बार सन् 1878 में हाजी नसरुल्लाह खान युसूफ जूही द्वारा उन्हें गिरफ्तार करने के उपरांत
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