सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

नवंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आदिवासी (गोंड) दिपावली (देवारी) कैसे मनाते हैं|

  दियरी या दियारी (दीपक) एक कोया-पुनेमी फसलोत्सव कोया पुनेम के संस्थापक मुठवा पारी पहाण्दी कुपार लिंगों ने कोयामूरी द्वीप पर मानव के लिए सर्व प्रथम धान की फ़सल की ही शुरुआत की थी इसलिए मानव जीवन के लिए धान बहुत महत्त्वपूर्ण था. आज भी भारत के ज़्यादातर हिस्सों में धान पर आधारित खेती के सहारे ही मानव का जीवन यापन होता है । प्रकृति पर आधारित जीवन जीते जीते मानव ने अपने आस पास शिकार की संभावनाओं को देखा और समय बीतने के साथ साथ कृषि को अपनाया कृषि भी कोई यकायक नहीं हुई, बल्कि जंगल से इकठ्ठा करके लाये गए फल-फूल, बीज और अनाज को उपयोग के बाद मानव आवासों के आसपास फेंक देता था और उन फेंके गए महत्त्वपूर्ण फसलों के पेड़ पौधे उगे फिर उनको अपने निकट ही वो चीजें मिलने लगी जिनके लिए वो दूर तक भ्रमण करते थे. इस विचार ने उन्हें खेती का विचार दिया फिर खेती के लिए मानव श्रम की जरूरत पड़ी जिसके विकल्प के रूप में पशुओं को पालतू बनाकर उन्हें अपनी सुरक्षा और कृषि कार्यों के लिए प्रयोग किया जाने लगा । पशु पालन और कृषि की स्थिति तक इस प्राचीन देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था क्यूंकि यहाँ धन धान्य की प्रचुर मात्रा

गोंडी व्याकरण, गोडवाना भाषा सिखें|

जय सेवा सागा जनो ,       कुछोडों सैल प्रथम पृथ्वी का निर्माण हुआ, जो आगे चलने दो महाद्वीप में हुआ था, जैसा दो महाप्रलय का निर्माण, एक था यूरेशिया और दूसरा था गोंडवान महाप्रलय ये जो गोंडवाँ महाप्रपात एक महाप्रलय था| यह प्राचीन काल के प्राचीन महाप्रलय पैंजिया का दक्षिणी था| उत्तरी भाग के बारे में यह बताया गया| भारत के महाद्वीप के आलावा में महाद्वीप गो और महाद्वीप, जो मौसम में उत्तर में है, का उद्गम स्थल| आज से 13 करोड़ साल पहले गोंडवांस के वायुमंडलीय तूफान, अंटार्टिका, अफ़्रीका और दक्षिणी महाप्रलय का निर्माण |       गोंडवाना नाम नर्मदा नदी के दक्षिण में प्राचीन गोंड राज्य से व्युत्प्न्न है, गोंडवाना नाम का सबसे पहला विज्ञान है | से गोंडिय़ों की भाषा का उद्गम था|          गोंडी भाषा में भारत के एक बड़े आकार का है| जैसा आज की दुनिया में लागू होने वाली भाषा के साथ लागू होने वाली भाषा में जलवायु परिवर्तन की भाषा पर लागू होता है, अगर कोई वैरिएंट दुनिया में लागू होता है, तो संस्कृति, सभ्यता, भाषा, धर्म, कुछ भी लागू होता है| भाषा शब्द शब्द का प्रश्न है| पासा पा पीयनीमाटा   ओ सल्ला शक्ति इम , गा