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आदिवासी होली कैसे मनाते है? आदिवासियों का होली के बारे में क्या मान्यता है?

  आदिवासी होली कैसे मनाते है ? इतिहास एक ऐसा सच है जो हमने कभी देखा नहीं है लेकिन यह चीज हमें स्वीकार नी पड़ती है। इतिहास हमें अपने जीवन में बहुत कुछ सिखाता है और भविष्य की कल्पना करने में मदद करता है। वैसे ही कुछ हम आपको पुराना इतिहास बताते हैं जो करोड़ों साल पुराना है। वैसे तो हम अपनी भारतीय संस्कृति के अनुसार होलिका को जलाते भी है और अगले दिन होली खेलते भी है। लेकिन यहां   हमारे आदिवासियों में मान्यता अलग हैं। आज आप जानेंगे कि आदिवासी होली कैसे मनाते हैं? होली के बारे में आदिवासियों की विचारधारा आज हम आपको होली त्योहार से जुड़ी आदिवासियों की विचारसरणी के बारे में बताएंगे। कुछ आदिवासियों का मानना है कि होली जलाना भी बहुत बड़ा पाप है! शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी और यह लेखन भी बहुत ही खास है की आदिवासी होली कैसे मनाते हैं? भारत के अंदर कई सारे ऐसे आदिवासी है जो आज भी अपने कोयातुर समाज के विधि-विधान का पालन करते हुए। आज भी होली पर्व मनाते है। लेकिन आज के समय में जिस प्रकार से होली के बारे में कथा कहानी में बताया व पढ़ाया जाता है। इस प्रकार कदापि नही है। क्योंकि जब से हमारे देश मे आर्

जयपाल सिंह मुंडा जीवनी।𑴓𑴥𑴠𑴱𑴧 𑴫𑴲𑵀𑴬 𑴤𑴵𑵀𑴘𑴱 Jaipal sigh munda j

   Jaipal Singh Munda koin tha  𑴓𑴥𑴠𑴱𑴧 𑴫𑴲𑵀𑴬 𑴤𑴵𑵀𑴘𑴱 आदिवासी वीर योद्धा इतिहास में हमें सिखाया गया है कि भारत को आजादी हमारे भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दी थी लेकिन भारत की आजादी के पहले भी बहुत से हमारे योद्धा थे जिन्होंने भारत को आजादी प्राप्त कराने में बहुमूल्य काम किया था। जब भारत की आजादी का नाम लिया जाता है तो हमें सिर्फ गांधी जी का नाम याद आता है लेकिन उनसे भी पहले बिरसा मुंडा, रानी  लक्ष्मीबाई, वीर टंट्या भील, पेरियार, वीर गुंडाधूर धूरवा एवं कोमोराम (कुमूरम) भीम, बाबुराव पुल्लेसूर शेडमाके आदि ऐसे बहुत बड़े बड़े नाम हैं जिन्होंने भारत को अंगेजो एंव मनुवादी से आजादी दिलाने में सबसे बड़ा हाथ था। शिक्षा को बढ़ावा दिया वैसे तो हमें सिर्फ यही नाम याद है लेकिन आप में से शायद बहुत कम लोगों को पता होगा कि भारत के संविधान को आगे बढ़ाने में और भारत का नाम रोशन करने में श्री ईश्वरदास जयपाल सिंह मुंडा का भी बहुत बड़ा हाथ था।  आप में से बहुत सारे लोग शायद यह नाम कभी सुने ही नहीं होंगे! पहले का समय ऐसा है जहां पर हथियारों के बगैर कोई  लड़ाई नहीं लड़ी जाती थी और आ